इस संस्थान में किए गए भूपर्पटीय पैमाने के भूकंपी अनुसंधान के महत्वपूर्ण परिणामों में, भूकंपी अपवर्तन टोमोग्रैफी का उपयोग करके दक्षिण-पूर्वी दिशा में झुकने वाली पश्चिम बंगाल अवसादी द्रोणी और हिंज मंडल (अंटार्कटिका से भारत के अलग होने के दौरान बनी महाद्वीपीय एवं आद्य-महासागरीय भूपर्पटीय सीमा का अवशिष्ट) का निरूपण, सौराष्ट्र प्रायद्वीप और दक्कन ज्वालामुखीय प्रान्त में अधो-ट्रैपीय मध्यजीवी अवसादों का निरूपण, सी डी पी भूकंपी परावर्तन आंकड़ों से दक्षिण रीवा द्रोणी में अधो-ट्रैपीय गोंडवाना अवसादों का प्रतिबिंबन, कच्छ में छिपे हुए सक्रिय भ्रंशों, जो कि भूकंपनीयता के साथ संबद्ध हो सकते हैं, का पता लगाना शामिल हैं।
वलन-क्षेप पट्टी क्षेत्रों में और इसी तरह के सक्रिय पर्वतीय क्षेत्रों में हाइड्रोकार्बन अन्वेषण जैसे विशेष प्रकार के अनुप्रयोगों के लिए परिमित अन्तर पूर्ण तरंग प्रतिरूपण की तकनीक और नत अनुप्रस्थ समदैशिक माध्यम का प्रतिबिंबन विकसित किया गया है।
नाम | पदनाम |
श्री एस. राजु | वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक |
डॉ. एल. बेहरा | प्रधान वैज्ञानिक |
डॉ. रंजना घोष | वरिष्ठ वैज्ञानिक |
डॉ. बिश्वजित मंडल | वरिष्ठ वैज्ञानिक |
श्री सूर्यप्रकाश राव जी | प्रधान तकनीकी अधिकारी |
श्री वेंकट राव एन | वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी (2) |
श्री करुप्पन्नन पी | तकनीकी अधिकारी |
श्री साई विजय कुमार पी | तकनीकी अधिकारी |
श्री प्रेम कुमार एन | तकनीकी सहायक |
श्रीमती रेणुका के | तकनीकी सहायक |
श्री दास के | वरिष्ठ तकनीशियन (1) |
पृष्ठ अंतिम अपडेट : 17-02-2020